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benefits-yoga – वजन को नियंत्रण में रखना चाहते हो तो करो योग 

 वजन को नियंत्रण में रखना चाहते हो तो करो योग (benefits-yoga )

 

योगा क्या है ?

योग तो सबको ही पता है। योग का अर्थ होता है एकता या बांधना। इस शब्द को संस्कृत में बोलते है युज, जिसको बोलते है जुड़ना। योग से शरीर, मन और भावनाओं को ठीक करने और तालमेल बनाने का काम करता है।योग या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बँध, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के साधन से प्राप्त होती है.

 

ये योग करने से क्या लाभ होगा?(benefits-yoga )

वजन को नियंत्रण में रखता है और मांस पेशियों को मजबूत करता है

और शरीर को स्वस्थ बनाता है, 

और योग करने से शरीर की बची fat को बर्न करने का काम करता है। 

ब्लड शुगर को भी कण्ट्रोल में रखता है। और जिनका ब्लड शुगर बढा हुआ है कम करने में मदत करता है।

डायबिटीज बीमारिसे परेशांन हो तो योग से बेहद फायदा मिलेगा। 

योग के कितने प्रकार होते हैं?

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योग के चार प्रकार  हैं।

राज योग-(Raja Yoga)

योग के भिन्न बनावट में अलग-अलग अर्थ हैं – अनुवाद पद्धति, अनुवाद प्रकिया। ऐतिहासिक रूप में, कर्म योग की आखिरी अवस्था समाधि’ को ही ‘राजयोग‘ कहते थे। आजकल का सन्दर्भ में, हिन्दुओं के 6 दर्शनों में से एक का नाम ‘राजयोग‘ (या केवल योग) है।राजयोग को सभी योगों का राजा कहलाता है.

कर्म योग-(benefits-yoga )

इस योग का अर्थ ऐसा होता की , किसीको कष्ट न हो ,ऐसा कर्म करना की बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए ऐसा कर्म फल आलिप्त से रहित होकर ईश्वर के लिए कर्म करना चाहिए इसे कर्म योग कहलाते है। और ये योग करनेसे मनुष्यकी तरक्की होगी और नि:श्रेयस की प्राप्ति होती है। कर्म योग के दो प्रकार के होते है। कोण -कोण से है ये हम आगे देखेंगे। 

कर्म योग कितने प्रकार के होते हैं?

  • कर्म के दो प्रकार होते है

सकाम कर्म :

निष्काम कर्म:

निष्काम का अर्थ होता है की कर्म ना करना नहीं, कर्म के फल से खुद को दूर कर लेना है. अपने जीवन में एक शब्द हर बार सुनने में आता है वो है निष्काम। इस तरह के कर्म को सकाम कर्म कहते हैं।

भक्ति योग-

भक्तियोग से शिक्षा मिलती है की ईश्वर से, अछेसे प्रेम करना चाहिए क्योकि ऐसा करना अच्छा माना जाता है। सिर्फ स्वर्ग पानेके लिए नहीं तो अपने जीवन में सन्तति ,सम्पति और किसी इच्छा की पूर्ति के लिए ये एक सिखाता है की सबसे प्रेम से रहो और ईश्वर एक प्रेम स्वरुप है तो हम क्यों नहीं।  

भक्ति योग क्या है इसके भेद क्या है ?(benefits-yoga )

अर्थात – श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पाद सेवन, अर्चन दास्य, साख्य और आत्मानिवेदन ये भक्ति के नौ भेद है। श्रवण भक्ति – परमपिता परमेश्वर, अपने आराध्य ईष्ट के दिव्य गुणों व लीला आदि के विषय में सुनना श्रवण भक्ति कहलाती है। कीर्तन भक्ति – कीर्तन से आप भली भॉति परीचित होंगे।

ज्ञान योग –

ज्ञान योग कैसे किया जाता है?

इस योग को ज्ञान और खुद की जानकारी प्राप्त करने को कहते है। ये अपनी और अपने वातावरण को तजुर्बा करने के ज़रिया से समझना है। स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित ज्ञानयोग वेदांत के सम्मिलित सत्यों को बताकर वेदांत के सार रूप में उपस्थित है। एक रूप में ज्ञानयोगी व्यक्ति ज्ञान के जरिए से ईश्वरप्राप्ति मार्ग में उत्साहित होता है।

इस योगा के  6 सिद्धान्त  हैं –

  • शम-इन्द्रियों और मन का निग्रह।
  • दम-इन्द्रियों और मन पर नियन्त्रण। …
  • उपरति-वस्तुओं से ऊपर उठना।
  • तितिक्षा-अटल रहना, अनुशासित होना। …
  • श्रद्धा-पवित्र ग्रन्थों और गुरू के शब्दों पर विश्वास और भरोसा रखना।
  • समाधान-निश्चय करना और प्रयोजन रखना।

सबसे पहले कौन सा प्राणायाम करना चाहिए?

अनुलोम विलोम -(benefits-yoga )

सबसे पहले अनुलोम विलोम करना चाहिए। अनुलोम विलोम करते समय सुखासन में बैठ जाये। उसके बाद  नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं ऊपर की तरफ लेते है, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है।

योग की शुरुआत कैसे करें?(benefits-yoga )

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धीरे-धीरे करें –

आसन के पोज़ में रहे और शुरुआत में धीरे-धीरे करें क्योंकि आपको शुरुआत में नहीं आएगा धीरे धीरे करनेसे ही आपको आयेगा और योग करने के लिए लवचिक बॉडी की जरुरी नहीं है। रोज करनेसे आपकी बॉडी लवचिक बनेगी और ताकत भी बढ़ेगी। 

 कौन–कौन से योगासन करना चाहिए

  • वार्मअप
  • सूर्य नमस्कार
  • सुखासन
  • वज्रासन
  • वज्रासन पाचन तंत्र के लिए बहोत अच्छा है। जो लोग नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं, उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अल्सर आदि की समस्या नहीं होती। …
  • पश्चिमोत्तानासन
  • सर्वांगासन

 

पानी पीने के कितनी देर बाद प्राणायाम करना चाहिए?

योगा करने के कम से कम तिस मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए, उससे पहले नहीं पिनी। इससे आप उन इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से पा सकते हैं जो योगा करते समय आपके शरीर से खर्च हुए थे। इनकी कमी की वजह से शरीर में दर्द होने की समस्या हो सकती है। योगा के बाद पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें।

क्या योग खाली पेट करना चाहिए?

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हा योगा खाली पेट ही करें।  खाली पेट योगा करना ज्यादा फायदेमंद होता है। असल में योगा के लिए आपकी एनर्जी पूरी तरह से योग के विविध आसनों पर केंद्रीकृत होनी चाहिए। ऐसे में आपके पचानेका तंत्र को भी आराम की जगह में होना चाहिए। मतलब उसे किसी भी तरह के पाचन संबंधी काम से विश्राम होना चाहिए।

क्या शाम को योग कर सकते हैं?

हा कर सकते है। जो लोग शाम को व्यायाम करते हैं, उन्हें अपने दिनभर के पुनरावृत्त और विचार को मैनेज करने में अधिक सहायता मिलती है। क्योंकि वे योग के जरिए इस तनाव से आराम पाते हैं और फिर अच्छी नींद सोते हैं

खाना खाने के बाद कौन सा आसन कर सकते है ?(benefits-yoga )

खाना खाने के बाद कोई आसान या एक्सरसाइज ना करने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद किया जाता है. हम बात कर रहे हैं वज्रासन की. वज्रासन एक ऐसा योग है, जिसे आप खाना खाने के तुरंत बाद करेंगे तो आपको पाचन संबंधी समस्याओं में राहत मिलता है.

conclusion-

आज के इस आर्टिकल में हमने सीखा की योग कैसे करे ? कोन-कोण से योग करने से फायदा होता है।  इसको करने का सही तरीका क्या है। 

हम आशा करते है की आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा और आप अपने मित्रो के साथ जरूर share करेंगे । हमारी वेबसाइट पर विजिट करने के लिए आपका ध्यानवाद ।

 

 

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