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Tulsi : तुलसी के फायदे,नुकसान और उपयोग 

Tulsi : तुलसी के फायदे,नुकसान और उपयोग 

 

भारत में सबके घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। हमारे पूर्वजोंको को तुलसी के औषधीय गुणों का अनुभव था  इसलिए इसको रोज के जीवन में प्रयोग किया जाता है और तुलसी को प्रथम  स्थान दिया गया है। आयुर्वेद में भी तुलसी के फायदों का उल्लेख किया जाता है । इस लेख में हम आपको तुलसी के फायदे, नुकसान और इसके उपयोग क्या – क्या है।

  Tulsi : तुलसी के फायदे,नुकसान और उपयोग

तुलसी क्या है?

तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन  और खनिज ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा जाता  है। ऐसे कहा जाता है की , इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर के आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं। जैसे की, श्वेत व कृष्ण प्रमुख हैं। इन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है।

Tulsi का पौधा कैसा होता है ?

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है

और लोग इसे अपने घर के आँगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं।

तुलसी का पौधा एक झाड़ी के रूप में रहता है.

और एक से तीन फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी कलर की होती है। 

पत्तियाँ एक से दो इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं।

इसका फूल लगने का काल और फल लगने का काल जुलाई से अक्टूबर तक होता है।

तुलसी के फायदे और उपयोग –

औषध का विचार करे तो सबसे  जादा  तुलसी को माना जाता है। उसकी पत्तियां भी ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। इनको आप सीधे पौधे से लेकर भी  खा सकते हैं। तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी के बीज के फायदे भी बहोत  हैं।

आप तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण के रूप से  भी प्रयोग कर सकते हैं।

इन पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने

और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं।

इसके अलावा तुलसी के पत्ते के फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया

और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं।

तुलसी के औषधीय गुणों में राम तुलसी की तुलना में श्याम तुलसी को प्रमुख माना गया है।

आइये आज हम तुलसी के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

 

तुलसी से सिर दर्द कम होता है। 

अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द होना एक आम बात है।

अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं

तो आप तुलसी के तेल का उपयोग कर सकते है जैसे की तुलसी के एक दो बूंदें नाक में डालें।

इस तेल को नाक में डालने से पुराने से पुराने सिर दर्द को कम करता है

और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है।

सबसे ज़रूरी बात यह है कि तुलसी के उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए।

 

सिर के जूँ और लीख से छुटकारा –

अगर आप जुए से परेशां है जुए से के दिनों से परेशान हो तो बालों में तुलसी का तेल लगाएं।इससे जूँ कम होते हैतुलसी के पौधे से तुलसी की पत्तियां लेकर उससे तेल बनाकर बालों में लगाने से उनमें मौजूद जूं और लीखें मर जाती हैं। तुलसी के पत्ते के फायदे, तुलसी का तेल बनाने में प्रयोग किया जाता है।

रतौंधी में लाभकारी है तुलसी का रस ( Night Blindness )

Tulsi : तुलसी के फायदे,नुकसान और उपयोग

कई लोगों को रात के समय में ठीक से दिखाई नहीं पड़ता है, इस समस्या को रतौंधी कहा जाता है। अगर आप रतौंधी से पीड़ित हैं तो तुलसी की पत्तियां  आपके लिए काफी फायदेमंद है। इसके लिए आप दो से तीन बूँद तुलसी-पत्र-स्वरस को दिन में 2-3 बार आंखों में डालें।

 

Tulsi पीनसरोग में लाभदायक

अगर आप  साइनसाइटिस से परेशान हो तो आप तुलसी की पत्तियां या मंजरी को मसलकर सूघें। इन पत्तियों को मसलकर सूंघने से साइनसाइटिस रोग से जल्दी आराम मिलता है।

कान के दर्द और सूजन में लाभदायक है तुलसी –

तुलसी की पत्तियां कान के दर्द और सूजन से आराम दिलाने में भी मदत करता है। अगर आप को कान में दर्द है तो तुलसी-पत्र-स्वरस को गर्म करके 2-2 बूँद कान में डालें। ऐसा करने से कान दर्द से जल्दी आराम मिलता है। इसी तरह अगर कान के पीछे वाले हिस्से में सूजन  है तो इससे आराम पाने के लिए तुलसी के पत्ते तथा एरंड की कोंपलों को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर गुनगुना करके उसका लेप बनाकर  लगाएं। कान दर्द से आराम दिलाने में भी  तुलसी के पत्ते खाने से भी फायदा मिलता है।

दांत में दर्द हो तो करे तुलसी का उपयोग  

तुलसी की पत्तियां दांत दर्द से आराम दिलाने में भी उपयोगी  हैं। दांत दर्द से परेशान हो तो आप आराम पाने के लिए काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दांत के नीचे रखने से दांत के दर्द से आराम मिलता है।

 

सर्दी-जुकाम से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद -(tulsi )

सर्दी-जुकाम होने पर  अक्सर गले में खराश या गला बैठ जाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। तुलसी की पत्तियां गले से जुड़े रोगों को दूर करने में बहुत ही मदत होती हैं। गले की समस्याओं से आराम पाने के लिये आप तुलसी के रस  को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें। इसके अलावा तुलसी का रस और  जल में हल्दी और सेंधानमक मिलाकर कुल्ला करने से भी मुख, दांत तथा गले के सब विकार दूर होते हैं।

खांसी से छुटकारा –

तुलसी की पत्तियों से बने शर्बत को आधी से डेढ़ चम्मच की मात्रा में

बच्चों को तथा 2 से चार चम्मच तक

बड़ों को सेवन कराने से, खांसी, श्वास, कुक्कुर खांसी और गले की खराश में लाभ होता है।

इस शर्बत में गर्म पानी मिलाकर लेने से जुकाम तथा दमा में बहुत जादा लाभ होता है।

ये काड़ा कैसे बनाये –

इस शरबत को बनाने के लिए कास-श्वास-तुलसी-पत्र  50 ग्राम, अदरक 25 ग्राम तथा कालीमिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं, चौथाई शेष रहने पर छानकर तथा 10 ग्राम छोटी इलायची बीजों के महीन चूर्ण मिलाकर 200 ग्राम चीनी डालकर पकाएं, एक तार की चाशनी हो जाने पर छानकर रख लें और इसका सेवन करें।

सूखी खांसी और दमा से छुटकारा –

Tulsi : तुलसी के फायदे,नुकसान और उपयोग

अस्थमा के और खासी के मरीजों के लिए है तुलसी की पत्तियां बहुत गुणकारी ।

इसके लिए तुलसी की मंजरी, सोंठ, प्याज का रस और शहद को मिला लें

और इस मिश्रण को चाटकर खाएं, इसके सेवन से सूखी खांसी और दमे में लाभ होता है।

 

अपच से आराम दिलाती है तुलसी  –

अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है  तो तुलसी का सेवन करें। इसके लिए तुलसी की 2 ग्राम मंजरी को पीसकर काले नामक के साथ दिन में 3 से 4 बार लें।

मूत्र में जलन से आराम दिलाती है tulsi –

मूत्र में जलन होने पर करे  तुलसी का उपयोग  तुलसी के बीज का उपयोग करने से आराम मिलता है। तुलसी के बीज  और जीरे का चूर्ण 1 ग्राम लेकर उसमें 3 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ लेने से मूत्र में जलन में लाभ होता है।

 

पथरी दूर करने में फायदेमंद है tulsi  –

पथरी की समस्या होने पर भी तुलसी का सेवन करना बहोत फायदेमंद रहता है। इसके लिए तुलसी की 1-2 ग्राम पत्तियों को पीसकर शहद के साथ खाएं। यह पथरी को बाहर निकालने में मददगार कराती  है। 

 

कुष्ठ रोग (त्वचा रोग) में फायदेमंद है तुलसी का रस-

अगर आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं तो जान लें कि तुलसी का सेवन कुष्ठ रोग को  दूर करने में मदत करता है। 10-20 मिली तुलसी पत्र-स्वरस को प्रतिदिन सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

 

Tulsi के नुकसान –

आयुर्वेद में भी तुलसी एक औषधीय गुणों से भरपूर भरा हुआ माना गया है. दांतों को करते हैं खराब- तुलसी के पत्तों को चबाकर खाना दांतों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है. तुलसी के पत्तों में पारा और आयरन की मात्रा पाई जाती है. इसमें कुछ मात्रा में arsenic भी पाया जाता है, जिससे दांत खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है। 

 

Conclusion –

आज हम तुलसी के फायदे ,नुकसान और उपयोग के बारे में सब कुछ विस्तार से जान लिए है। अब अपनी बीमारी के हिसाब से आप तुलसिका उपयोग कर सकते है। उपयोग करते समय कुछ भी समस्या का सामना करना पड़े तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे। 

 

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